नई दिल्ली। फर्जीवाड़े के आरोप में ट्रेनी IAS की पोस्ट से हटाई गईं पूजा खेडकर को गुरुवार (29 अगस्त) को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी के लिए उनकी अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी। आज सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील ने कहा कि यूपीएससी एक बार नियुक्त करने के बाद किसी को हटा नहीं सकती है। हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि पूजा खेडकर ने अपने सरनेम में कभी कोई बदलाव किया। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत 29 अगस्त तक बढ़ा दी थी। बता दें कि पूजा खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को दिए अपने आवेदन में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और गलत तरीके से पेश करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने मांगा समय दिल्ली पुलिस ने पूजा के जवाब पर विचार करने और नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांगा है। इसके बाद जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने पुलिस को आगे की कार्यवाही लंबित रहने तक खेडकर को गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया। पूजा खेडकर पर UPSC का बड़ा एक्शन पूजा खेडकर पर बुधवार (31 जुलाई) को UPSC ने बड़ा एक्शन लिया है। सिविल सेवा में चयन के लिए पहचान बदलने और विकलांगता प्रमाणपत्र में गड़बड़ी की आरोपी पूजा खेडकर अब ट्रेनी आईएएस नहीं हैं। यूपीएससी ने पूजा खेडकर को भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने या चयन करने से रोक दिया है। साथ ही CSE-2022 की उनकी उम्मीदवारी को भी आयोग ने रद्द कर दिया है। यूपीएससी ने अपनी पहचान बदलकर सिविल सेवा परीक्षा में तय सीमा से अधिक बार बैठने के आरोप में 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज की थी। पूजा खेडकर ने नियमों का उल्लंघन किया : UPSC यूपीएससी ने कहा कि सभी रिकॉर्ड की जांच के बाद यह सामने आया कि पूजा खेडकर ने सीएसई-2022 नियमों का उल्लंघन किया है। आयोग ने सीएसई के पिछले 15 सालों के डाटा को रिव्यू किया, जिसमें 15 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल थे।