कोलकाता। चिटफंड घोटालों के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ रविवार रात से धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच जबर्दस्त टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा है कि केंद्र सरकार ने संविधान और संघीय ढांचे की भावना का गला घोंट दिया। इस बीच, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर ममता के समर्थन में उतर आई हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपनी जान देने को तैयार हूं, लेकिन समझौता नहीं करूंगी। उन्होंने कहा कि जब आपने टीएमसी कार्यकर्ताओं को हाथ लगाया, तब भी मैं सड़क पर नहीं उतरी, लेकिन मुझे तब गुस्सा आया जब आपने कोलकाता पुलिस कमिश्नर की कुर्सी का अपमान किया, वो संस्थान का नेतृत्व कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहीं ममता ने दावा किया कि सीबीआई ने बगैर तलाशी वॉरंट के ही कोलकाता के पुलिस आयुक्त कुमार के दरवाजे पर दस्तक दी। ममता ने आरोप लगाया कि वे हर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं, जहां विपक्षी पार्टियां सत्ता में हैं।
विपक्षी पार्टियों को कुचलने में सरकार का ध्यान : आजाद
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर विपक्षी दलों को कुचलने का आरोप जड़ दिया है। आजाद ने कहा कि जिस दिन से भाजपा केंद्र की सत्ता में आई है, उस दिन से उनका ध्यान देश की समस्याओं पर बिल्कुल नहीं है। उनका ध्यान सिर्फ विपक्षी पार्टियों को कुचलने में हैं।
दोनों कर रहे हैं ड्रामा: येचुरी
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र के खिलाफ ममता के धरने को उनकी पार्टी और भाजपा द्वारा रचा जा रहा ड्रामा करार दिया है। उन्होंने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार के खिलाफ चिटफंड घोटाला सालों से जगजाहिर है लेकिन मोदी सरकार चुप है, ऐसा इसलिए क्योंकि घोटाले के मास्टरमाइंड ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है। अब सरकार एक्शन लेने का ड्रामा कर रही हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस अपने व्यक्ति को बचाने के नाम पर धरने का ड्रामा कर रही है।