इंदौर। बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में अब मात्र एक महीना बचा है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षा के बेहतर रिजल्ट के साथ ही बोर्ड की साख गिराने वाले नकल प्रकरणों पर रोकथाम की कवायद में जुटा हुआ है। जानकारी के अनुसार, अगर परीक्षा के दौरान छात्र नकल करते पाए गए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। नकल करने पर दो-तीन सालों के लिए परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगने के साथ ही जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है और आर्थिक जुर्माना भी हो सकता है।
100 मीटर के दायरे में नहीं जा सकेंगे बाहरी व्यक्ति : जानकारी के अनुसार परीक्षा केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है। परीक्षा के दौरान केवल परीक्षार्थी, परीक्षा में ड्यूटी करने वाले शिक्षक, परीक्षा नियंत्रक, परीक्षा केंद्र अध्यक्ष, उड़नदस्ते के अधिकारी और परीक्षा की जांच करने वाले अधिकारी ही केंद्र के 100 मीटर के दायरे में जा सकते हैं। इनके अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति अगर इस दायरे में प्रवेश करेगा, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
केंद्र अध्यक्ष करेगा कार्रवाई: जानकारी के अनुसार, हर परीक्षा केंद्र का एक केंद्र अध्यक्ष होता है। अगर कोई छात्र नकल करते हुए पाया जाता है तो केंद्र अध्यक्ष उसका नकल प्रकरण बनाकर बोर्ड को भेजेंगे। छात्र को आगे की परीक्षाएं तो देनी दी जाएंगी, लेकिन छात्र के रिजल्ट पर बोर्ड फैसला लेगा। प्रकरण कितना गंभीर है, उस आधार पर बोर्ड रिजल्ट और छात्र पर परीक्षा प्रतिबंध लगाने को लेकर फैसला लेता है।
नकल में हुआ विवाद तो जाना होगा जेल
जानकारी के अनुसार, अगर कोई छात्र परीक्षा के दौरान नकल करता पाया गया और अगर नकल प्रकरण बनाते समय उसने परीक्षक या केंद्र अध्यक्ष या परीक्षा के निरीक्षणकर्ताओं से कोई विवाद किया तो उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान है। अगर छात्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है तो उसे जेल की सजा भी हो सकती है। जानकारी के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस प्रकरण बनाकर आरोपी छात्र को कोर्ट में पेश करेगी। इस तरह के मामलों में कोर्ट छात्र को दो-तीन साल तक की सजा सुना सकता है या जुर्माना या दोनों भी लगा सकता है।
ली जाएगी मीटिंग नकल रोकने के लिए जिले के सभी परीक्षा केंद्रों के अध्यक्ष, परीक्षा समन्वयकों की एक मीटिंग लेंगे। इस मीटिंग में उन्हें नकल प्रकरण रोकने के उपायों की जानकारी दी जाएगी, साथ ही नकल प्रकरण रोकने के लिए समुचित कदम उठाने को भी कहा जाएगा। - दीपक हलवे, जिला परीक्षा नियंत्रक, इंदौर
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान नकल प्रकरण रोकने के लिए संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों की पहचान कर उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। संभाग स्तर पर तीन उड़नदस्ते बनाए जाएंगे, जो इन परीक्षा केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे और अगर कोई छात्र नकल करते पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। - मनीष वर्मा, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण विभाग इंदौर