भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर कृषि एवं खनन से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। सीएम ने राज्य की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए माइनिंग लीज पाने की पात्रता रखने वाले 27 प्रकरण में जल्द से जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया। उन्होंने मप्र को प्राइज डेफिसिट के 575 करोड़ की राशि सहित भावांतर भुगतान के अंतर की राशि केंद्र से जल्द दिलवाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि जनवरी 2015 में खदान और खनिज अधिनियम मप्र जैसे राज्य जिला खनिज कोष के नए प्रावधानों का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से तिलहन के लिए प्राइज डेफिसिट भुगतान योजना के क्रियान्वयन लागत की शेष राशि 575.90 करोड़ रुपए शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री समर्थन मूल्य तय करने के पूर्व के निर्णय को आगे बढाते हुए अभियान के क्रियान्वयन के संबंध में ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि अभियान के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सीएम ने मोदी को बताया कि मप्र सरकार ने 1951.80 करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किए थे, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य और आदर्श विक्रय मूल्य का अंतर था। उन्होंने कहा कि यदि यह फसल नाफेड द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित होती तो प्रशासनिक लागत और हानि करीब 2800 करोड़ आती। मुख्यमंत्री ने लागत में 50% की भागीदारी भारत सरकार द्वारा करने के निर्णय को देखते हुए शेष 575.90 करोड़ रुपए शीघ्र जारी करवाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने सोयाबीन के लिए प्राइज डेफिसिट योजना में राज्य के उत्पादन का 40 प्रतिशत यानी 26.92 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य तय करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्राइज डेफिसिट योजना की गाइडलाइन में राज्य को दिए लक्ष्य को उत्पादन का 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने के तरीके का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि यही मूल्य समर्थन योजना की गाइडलाइन में अंकित है।